फिर हुआ क्या (फिर हुआ क्या)
फूल खिल के आप झूमें (आप झूमें)
आप झूमें (आप झूमें आप झूमें)
उसकी ज़ुल्फ़े खुली तो लगा यूँ मुझे
घटा छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए
घटा छाई तो दिल की गली मे बिछे
तेरे साए साए साए साए साए साए साए साए
पंछी चहके तो चुपके से दिल ने कहा
कोई आए आए आए आए आए आए आए आए
उसकी ज़ुल्फ़े खुली तो लगा यूँ मुझे
घटा छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए
ये कहानी नयी है पुरानी भी है
कुछ अनोखी भी है और सुहानी भी है
सुरमई शाम है और दीवानी भी है
बात कहनी भी है और छुपानी भी है
आज बादल भी मुझ से कोई दास्तान
कहने आए आए आए आए आए आए आए आए
उसकी ज़ुल्फ़े खुली तो लगा यूँ मुझे
घटा छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए
खुश्बूओ से सजी शाम आने लगी
गीत मुझ को नये फिर सीखाने लगी
मस्ती हर शह पे अब तो है छाने लगी
दिल की कश्ती भी अब तो ठिकाने लगी
मुझ से कहती है खुश्बू मेरे दिल मे वो
रहने आए आए आए आए आए आए आए आए
उसकी ज़ुल्फ़े खुली तो लगा यूँ मुझे
घटा छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए
पंछी चहके तो चुपके से दिल ने कहा
कोई आए आए आए आए आए आए आए आए
उसकी ज़ुल्फ़े खुली तो लगा यूँ मुझे
घटा छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए छाए
घटा छाई तो दिल की गली मे बिछे
तेरे साए साए साए साए साए साए साए साए