कितनी सूनी सूनी थी दिल की गालिया
बस कांटे थे नहीं थी कालिया
हो कितनी सूनी सूनी थी दिल की गालिया
बस कांटे थे नहीं थी कालिया
मेरे सनम मेरी कसम पास आओ न
बैठो यहाँ जाने भी दो शर्माओ न
कल तक जो लगता था मुझको एक सपना
बनके जीवन में आया वो मेरे अपना
कल तक जो लगता था मुझको एक सपना
बनके जीवन में आया वो मेरे अपना
यह जो हुआ होना ही था एक दिल यहाँ
मेरा जहाँ मुझको कटा बासना ही था