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2011

Gumsum

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Lyrics
रात भर डूबा रहे तू
अपने सागर मैं
प्यासी फिर क्यूँ तेरी वो दुनिया
खाली सा घर है तेरा
खाली हर सुबह है
किसी कोने मैं रखी हैं ख़ुसीया
खोल दे सारे, दरवाजे
तोड़ दे मॅन के वो, ताले
है अकेला ही क्यूँ चुप सा ही तूँ
गुमसूँ, गुमसूँ
देखूं..देखूं
क्या है मसला..हन
जानू, जानू
मैं सच है क्या
था..वो जो
तेरे मान मैं भूल जा
गुम सूम रहो ना
छोटा सा यह जहाँ है
ज़रा सी ज़िंदगी
भीड़ मैं भी
तन्हा तन्हा सा रहे
कुछ भी ना तू संग ना
क्या ले के तू जाएगा
ज़रा हस्स ले तू, चुप सा ही क्यू तू
गुमसूँ, गुमसूँ
देखूं..देखूं
क्या है मसला
जानू, जानू
मैं सच है क्या
था वो जो
तेरे मान मैं भूल जा
गुम सूम रहो ना
गुम सूम रहो ना
चुप चुप सी दीवारों को तोड़ के
खवाबों को होठों पे ला
तेरे लफ़्ज़ों से
जब गूंज़ेगा यह आलम
ना रह पाएगा तू
गुमसूँ, गुमसूँ
हा..हा..हन

आ..देखूं देखूं
क्या मसला ना
जानू, जानू
मैं सच है क्या
था वो जो
तेरे मान मैं भूल जा
देखूं क्या है मसला
ना…ना…सच है क्या
गुम सूम रहो ना
गुम सूम रहो ना
गुम सूम रहो ना
गुम सूम रहो ना

WRITERS

DAHLIA, DJ, PALASH SEN

PUBLISHERS

Lyrics © Universal Music Publishing Group

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