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Lyrics
तू है जिस ने मुझे चलना सिखाया
गिर के उठना, उठ के सँभलना सिखाया
कभी लोरी बन के, कभी थपकी बन के
कभी नींद मीठी सी, कभी सपने जैसी
तेरी गोद में आँखें ख़ुली, ओ माँ मेरी
सब से प्यारी दुनियाँ में है माँ मेरी

ह्म ह्म ह्म ह्म

मेरी हर ख़ुशी से मुसकान तेरी
मैं सुकून तेरा, मैं जान तेरी

कभी डाँट बन के, कभी दुलार बन के
कभी बिजली जैसी, कभी बदली जैसी
प्यार की बौछार सी माँ मेरी
सब से प्यारी दुनियाँ में है माँ मेरी

ह्म ह्म ह्म ह्म

ख़ाब बनकर, कभी ताबीर बनकर
मेरे सपनों को सवारती है माँ मेरी
ज़िंदगी की धूप में और आँधियों में
साया बनकर साथ रहती माँ मेरी

ख़ामोश रहकर, कभी आवाज़ बनकर
एहसास सी, कभी विश्वास सी
थामे हुए है घर की छत को माँ मेरी
सब से प्यारी दुनियाँ में है माँ मेरी

आ आ आ आ

WRITERS

ANJALI SHARMA, VASUDA SHARMA

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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