साँस हैरान है मन परेशान है
हो रहीं सी क्यूँ रुआंसा ये मेरी जान है
क्यूँ निराशा से हैं आस हारी हुई
नैना जो सांझे ख्वाब देखते थे नैना
बिछड़ के आज रो दिए हैं यूँ
तेरी बाजुओं में मेरी चाहतें समाये
तेरी धडकनों को मेरी धड़कने सुनाये
तेरी ख्वाहिशों से मेरी ख्वाइशे रिहा हैं
तेरी करवटों से मेरी दास्तां बयां है
क्या सुकून क्या जूनून हमनवां
के गुज़रे बिन तुम्हारे जिसकी रात
के गुज़रे बिन तुम्हारे जिसकी रात