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Lyrics
ईश्वर अल्लाह तेरे जहां में
नफ़रत क्यों है जंग है क्यों
तेरा दिल तो इतना बड़ा है
इन्साँ का दिल तंग है क्यों
ईश्वर अल्लाह तेरे जहां में
नफ़रत क्यों है जंग है क्यों
तेरा दिल तो इतना बड़ा है
इन्साँ का दिल तंग है क्यों

क़दम क़दम पर सरहद क्यों है, सारी जमीं जो तेरी है
सूरज के फेरे करती है, फिर क्यों इतनी अंधेरी है
इस दुनिया के दामन पर, इन्साँ के लहू का रंग है क्यों
ईश्वर अल्लाह तेरे जहाँ में
नफ़रत क्यों है जंग है क्यों
तेरा दिल तो इतना बड़ा है
इन्साँ का दिल तंग है क्यों

गूँज रही है कितनी चीखें, प्यार की बातें कौन सुने
टूट रहे हैं कितने सपने, इनके टुकड़े कौन चुने
दिल के दरवाज़ों पर ताले, तालों पर ये ज़ंग है क्यों
ईश्वर अल्लाह तेरे जहाँ में
नफ़रत क्यों है जंग है क्यों
तेरा दिल तो इतना बड़ा है
इन्साँ का दिल तंग है क्यों

WRITERS

A.R. Rahman

PUBLISHERS

Lyrics © Universal Music Publishing Group

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