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Lyrics
अब न मुझको याद बीता
मैं तोह लम्हों में जीता
चला जा रहा हूँ
मैं कहाँ पे जा रहा हूँ
कहाँ हूँ
इस यक़ीन से मैं यहाँ हूँ
की ज़माना यह भला है
और जो राह में मिला है
थोड़ी दूर जो चला है
वह भी आदमी भला था
पता था
ज़रा बस खफा था आं आं
वह भटका सा राही मेरे गाँव का ही
वह रास्ता पुराना जिसे याद आना
ज़रूरी था लेकिन जो रोया मेरे बिन
वो एक मेरा घर था
ओ पुराना सा डर था
मगर अब ना मैं अपने घर का रहा वो ओ ओ
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा

इधर का ही हूँ न उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
मैं रहा वो ओ
मैं रहा वो ओ
मैं रहा हा हा आ वो ओ
प रा प रा पा प रा प रा प रा पा प रा पा
नी स ग म प प म ग प प म ग रे सा
नील पत्थरों से मेरी दोस्ती है
चाल मेरी क्या है राह जानती है जाने रोज़ाना
ज़माना वही रोज़ाना
शहर शहर फुर्सतों को बेचता हूँ
खाली हाथ जाता खाली लौटता हूँ मैं तो रोज़ाना
रोज़ाना खुद से ए ए ए बेगाना
जबसे गाँव से मैं शहर हुआ
इतना कड़वा हो गया की ज़ेहर हुआ
मैं तोह रोज़ाना
न चाहा था यह हो जाना मैंने
पुरा पत्थरा सा रास्ता से गुजरता रहा हो ओ ओ
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ न उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
इधर का ही हूँ ना उधर का रहा
सफर का ही था मैं सफ़र का रहा
मैं रहा वो ओ
मैं रहा वो ओ
मैं रहा हां हुं हुं ओ ऊ
दे ए ए दा रा ए ए दा रा ए ए दा रा ए ए
ए ए दा रा ए ए दा रा ए ए दा रा ए ए
ए ए

WRITERS

IRSHAD KAMIL, PRITAM CHAKRABORTY

PUBLISHERS

Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC, Sentric Music

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