जितना मैं हूँ मेरा उतना ही हूँ तेरा
एक दिल एक जान हम हैं दोनों कहाँ
जिस्म से रूह तक मुझमें है तू बसा
मैं हूँ जीता मेरी सांस है तू
दिन तेरे दरबदर तुझमें है मेरा घर
लापता सा हूँ मैं तू मेरा है पता
तू है बहता मेरी आंखों से रे
फिर निकलता तेरी रातों से रे
तू मेरी शाम है मेरा आराम है
ज़िंदगी दर्द है तू दवा है
जितनी मैं हूँ मेरी उतनी ही हूँ तेरी
एक दिल एक जान हम हैं दोनों कहाँ
जिस्म से रूह तक मुझमें है तू बसा हाँ