ऐसा देखा नहीं खूबसूरत कोई
जिस्म जैसे अजंता की मूरत कोई
जिस्म जैसे निगाहों पे जादू कोई
जिस्म नगमा कोई जिस्म खुशबू कोई
जिस्म जैसे महकती हुई चांदनी
जिस्म जैसे मचलती हुई रागिनी
जिस्म जैसे के खिलता हुआ इक चमन
जिस्म जैसे के सूरज की पहली किरण
जिस्म तरशा हुआ दिलकश ओ दिलनशीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
हुस्न ए जाना की तारीफ़ मुमकिन नहीं
तू भी देखे अगर तो कहे हमनशीं
सा नि सा नि सा सा ग ग सा ग मा ग ग मा नि सा
ध नि धा ध नि धा ध नि धा म गा नि धा गा म
ध नि धा ध नि धा ध नि धा म गा
सा नि ग सा मा ग प मा नि सा ध नि सा ग मा ध
जाने तूने बंधे कैसे अँखियो की डोर
मैं तो खींचा चला आया तेरी और
मेरे चेहरे की सुबह जुल्फों की शाम
मेरा सब कुछ है पिया सब तेरे नाम
नजरो ने तेरी छुआ तो तब ये जादू हुआ