इन्तहा हो गई इंतज़ार की हा
आई ना कुछ खबर मेरे यार की
ये हमें है यक़ी बेवफा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई इंतज़ार की
बात जो है उसमें बात वो यहाँ कहीं नहीं किसी में
वो है मेरी, बस है मेरी, शोर है यही गली गली में
साथ साथ वो है मेरे ग़म में मेरे दिल की हर खुशी में
ज़िंदगी में वो नहीं तो कुछ नहीं है मेरी ज़िंदगी में
बुझ न जाये ये शमा, ऐतबार की
आई न कुछ खबर, मेरे यार की
ये हमें है यक़ीं, बेवफ़ा वो नहीं
फिर वजह क्या हुई, इंतज़ार की,इन्तहा हो गई, इंतज़ार की