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Lyrics
मन्ने लहंगा सिमाया हो
पिया जी बड़ा चाह करके
मैं तो ले फिर बैठ गई
पिलंग पे मैं मोड़ करके
मैं तो ले फिर बैठ गई
पिलंग पे मैं मोड़ करके
मैं मोड़ करके
तू बनके ने बन्नो फिरे मटक मटक
डेली ढाई सेर अनाज खाजा गटक गटक
तू बनके ने बन्नो फिरे मटक मटक
डेली ढाई सेर अनाज खाजा गटक गटक

मेरी निकल गई सै ज़ुबान
अंदर बड़ती नहीं
तन्ने क्यूं बिठाई सिर्र पे
मैं इबउतरती नहीं
पहले क्यूं बिठाई सिर्र पे
मैं इब उतरती नहीं
उतरती नहीं

तेरे मारूंगा बुलेट मैं तो भर भर के
एंडी दहिया ते रहा कर डर डर के
तेरे मारूंगा बुलेट मैं तो भर भर के
ब्याह के लाया था सारी ढाले तोड़ करके

मैं तो ले फिर बैठ गई
पिलंग पे मैं रोद करके

पी के 15 की दारू हो
तू रौब मन्ने 20 का दिखावे
रोज देसी आले ठेके पे
जलेले रे दिखे 12 तू बजावे

रोज देसी आले ठेके पे
जलेले रे दिखे 12 तू बजावे
दिखे 12 तू बजावे

कदे पड़ा नहीं गला मैं लाया ना उलाहना
विजय वर्मा के चक्कर मैं
कदे होया चौकी थाना

कदे पड़ा नहीं गला मैं
लाया ना उलाहना
कद सी आया बता दे ने
किसे का मैं सारे फोड़ के

मैं तो ले फिर बैठ गई
पिलंग पे मैं मोड़ करके
मैं मोड़ करके
Vr Bros yeah

WRITERS

ANDY DAHIYA, VR BROS

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network, Peermusic Publishing

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