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Lyrics
दो चार दिन से यूँही
खुद से भी मैं खफा हूँ
आके जो तू मिले
देखो मैं हस पड़ा हूँ
आज फिर, आज फिर, आज फिर
आज फिर
आते जाते लोगों से
होने लगी है यारी
लगने लगी है मुझको
ये शामें और प्यारी
आज फिर, आज फिर, आज फिर
आज फिर
ला ला ला हे हे हे ओ ओ ओ ओ ओ
हे हे हे हे ओ ओ ओ ओ
आवाज़ तेरी सुनूँ
आ जाये दिल को सुकून
बाकी है जो भी यहां
सब शोर है
तू और आँखें तेरी
दोनों है जन्नत मेरी
जीने की वजह यहां
क्या और है
पूरा का पूरा मैं तोह
अब तेरा हो चूका हूँ
आके जो तू मिले
देखो मैं हस पड़ा हूँ
आज फिर, आज फिर आज फिर
आज फिर

दिल में जो मेरे दबी
इक दिन वो बातें सभी
खुल के बताऊँ तुम्हे
ये शौक है

जैसे किसी ने कभी
चाहा किसी को नहीं
वैसे मैं चाहु मैं तुम्हें
ये शौक है
चाहो तोह प्यार कह लो
या कह लो सिरफिरा हूँ
आके जो तू मिले
देखो मैं हंस पड़ा हूँ
आज फिर, आज फिर, आज फिर
आज फिर
ला ला ला हे हे हे ओ ओ ओ ओ ओ हे हे हे ओ ओ ओ ओ

WRITERS

JEET GANGULY, MANOJ MUNTASHIR SHUKLA

PUBLISHERS

Lyrics © Universal Music Publishing Group

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