हो चांदनी जब तक रात देता हैं हर कोई साथ
तुम मगर अंधेरो में ना छोड़ना मेरा हाथ
ना कोई हैं ना कोई था जिन्दगी में तुम्हारे सिवा
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
जब कोई बात बिगड़ जाये जब कोई मुश्किल पड जाये
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज
वैसे तो मन मेरा पहले भी रातों में
पहले भी धड़कन यह धुन कोई गाती थी
जब कोई बात बिगड़ जाये जब कोई मुश्किल पड जाये
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवाज