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Lyrics
दिन रात तड़पते हैं हम
क्या इतना काफ़ी नहीं
तेरे दिल में धड़कते हैं हम
क्या इतना काफ़ी नहीं

दिन रात तड़पते हैं हम
क्या इतना काफ़ी नहीं
तेरे दिल में धड़कते हैं हम
क्या इतना काफ़ी नहीं
शामों में तू है शामिल
दुआओं से तू है हासिल
तेरी राहों से जुड़ा हूँ मैं
तू ही रास्ता तू ही मंज़िल

आखो में महकते है
क्या इतना काफी नहीं
तेरे दिल में धड़कते है
क्या इतना काफी नहीं

पहले ऐसे तेरे
क्या दिल में हलचल हुई
जैसी मुझे हो रही
क्या तुझको भी ऐसी हुई

पहले ऐसे तेरे
क्या दिल में हलचल हुई
जैसी मुझे हो रही
क्या तुझको भी ऐसी हुई
मेरे दिल में तू है दाखिल
तू आशिक़ है तू ही क़ातिल
शामों में तू है शामिल
दुआओं से तू है हासिल
बस तेरे तरफ
बढ़ते है कदम
क्या इतना काफी है
एक तेरे लिए ही लिया है जनम
क्या इतना काफी नहीं

WRITERS

Shabbir Ahmed

PUBLISHERS

Lyrics © Royalty Network

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