पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
ओ बादल ने अंगड़ाई ली जो कभी
लहराया धरती का आँचल ओ ओ ओ
बादल ने अंगड़ाई ली जो कभी
ये पत्ता पत्ता ये बूटा बूटा
मनवा ये डोले जाने क्या बोले
मनवा ये डोले जाने क्या बोले
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
जाने क्या जादू किया प्यार की धुन छेड़े जिया
पिया बसंती रे काहे सताए आजा
WRITERS
SHARMA, SULTAN KHAN, Khilesh Sharma, Ustad Sultan Khan