च्चालक दिल में कुछ ना छ्चोड़
च्चालक दिल में कुछ ना छ्चोड़
है यह ज़िंदगी उसी की जो गये
उठे चौक के यह सोया हुवा पानी
है यह ज़िंदगी उसी की जो गाये
उठे चौक के यह सोया हुवा पानी
है यह ज़िंदगी उसी की जो गाये
चलो झूम ले ना खुद को संभाले
है यह ज़िंदगी उसी की जो गाये
चिरो आसमान का नीला शामियाना
चिरो आसमान का नीला शामियाना
जहाँ आँधिया है करती बसेरा
है यह ज़िंदगी उसी की जो गये
उठे चौक के यह सोया हुवा पानी
है यह ज़िंदगी उसी की जो गाये
च्चालक दिल में कुछ ना छ्चोड़
च्चालक दिल में कुछ ना छ्चोड़
च्चालक दिल में कुछ ना छ्चोड़
च्चालक दिल में कुछ ना छ्चोड़