अत्याचारी, अत्याचारी है तू
थी जताती प्यार ऐसे जैसे मेरी परवाह थी
घर चलाने के बहाने देखो क्या-क्या करवाती
मैं पति हूँ वो अति है, sympathy भी पा लेती
व्रत किए मेरे लिए क्यूँ? इससे अच्छा खा लेती
चार दिन की चाँदनी होती है हर एक घरवाली
बाद में प्यारी सी बातें भी लगें कोई गाली
Facebook और WhatsApp पे करदे रेन्दे अय्याशी
पेड़ मेरा, fruit खाएँ तितलियाँ बाक़ी सारी, अत्याचारी
मैंने तुझे देखा उस तितली के साथ
ओए, करना ना तू अब ज़्यादा बकवास (वो मैं नहीं था)
Drive पे ले जाए और dinner पे कभी
साला, मारे मस्तियाँ लेके आइटमें सभी
अत्याचारी, अत्याचारी है तू
हाँ, मैं बेचारी (वो मैं नहीं था, वो मैं नहीं था)
ओये कितनी वारी दसा तेनू कितनी वारी
नहीं किसी बंदी से मेरी कोई यारी
कर ले भरोसा मेरा एक बारी (वो मैं नहीं था, वो मैं नहीं था)
कोई और होना with that नारी (वो मैं नहीं था)
अत्याचारी, अत्याचारी है तू