मुझको बाहों में भर लो न तुम
मुझको आहों में भर लो न तुम
तेरी ही बातों पे मैंने सज़ा ली है दुनिया यहाँ
कि सौं में बाहों में बस तेरी हाँ
तुम जैसी हो बस वैसी ही रहो
अब तेरे बिना यहाँ मेरी साँसे
जैसे बिना निन्दिया की रातें हैं तो
और तू ही मेरे दिल की रज़ा है
तेरे बिना दिल भी ख़फा है तो
तेरी आँखों का काजल न फैले अब कभी भी
ये दुनिया मैं मेरी एक पल में वार दूँ मैं
अब बिखरी तेरी ये जुल्फों से आँखें तेरी जब दिखती हैं
कि खोलूँ पंख मैं मेरे उड़ जाऊं खो जाऊं
मैं इस आसमान पतंगो की तरह हाँ आ आ