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Lyrics
तेरे पलकों का लहरों सा उठना दिल में
मुस्कुराते हुई तेरी बातें करना
हाथ टकराने से वो तेरा झिझकना
सहम के कभी तेरी ज़ोर से पकड़ना
मुझे खो देने के ख़याल से तेरा डरना
सूनी सी रातों में
बैठा युहीं
सोचा था काश
तू ना आती कभी
फिर करवट में बदलू और ना
आए अब मुझको यकीं

गूंज जो गूंजती हैं
बस मुझ तक ख़यालों में भी
तू मुझसे टकराई
घर से बहाने कर के वो तेरा निकलना
सबसे चुपके वो तेरा मिलना
गुस्सा हे करके खुद पी रहे
हसना फिर हुआ क्या
सूनी सी रातों में
बैठा युहीं
सोचा था काश
तू ना आती कभी
फिर करवट में बदलू और ना
आए अब मुझको यकीं

WRITERS

Sunidhi Gaur

PUBLISHERS

Lyrics © Raleigh Music Publishing LLC, RALEIGH MUSIC PUBLISHING

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