जिस मिट्टी में मैंने लिया जनम
कोई भी हो मुश्किल निकलेंगे हम
जिस मिट्टी में मैंने लिया जनम
ओ माई तुझसे बढ़कर कोई और नहीं
रंगदे चुनर खेलेंगे हम होली
जिस मिट्टी में मैंने लिया जनम
कमियों से बनकर उभरेंगे हम
कोई भी हो मुश्किल निकलेंगे हम
शीश चढ़ाने को मिट जाए ए वतन