तेरा चेहरा जब आँखों के सामने आता है
दिल ये तेरा होने को तईयार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है
एक दो दफा नहीं हर बार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है
बरसी हैं मुझपे जो दुवा बनके
वो रस्ता हो तुम जो दिल से रूह तक जाता हैं
इश्क़ की मंज़िल पे लाके जो फिर पहुँचता हैं
बातों बातों में ये क्या इकरार होता जा रहा हैं
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे रोज़ प्यार होता जा रहा हैं
एक दो दफा नहीं हर बार होता जा रहा हैं
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा हैं
हम्म सोता नहीं हूँ मैं रातों को ठीक से
बिन लिए इजाज़त तुम जो खाबों में आते हो
ओ तुम्हे छूके हर इक लम्हा सवार सा जाता है
तुम्हारे बिन जीना अब तो मुझे ना आता है
सारे जज़्बातों का इज़हार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है
एक दो दफा नहीं हर बार होता जा रहा है
थोड़ा थोड़ा रोज़ तुमसे प्यार होता जा रहा है