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Lyrics
मैं भटकता रहा
फिरता रहा लूर लूर
जाने थी किसकी तलाश
लगता था मंज़िल है दूर
मैं रोया मैं तड़पा
मैं तो रहा ग़म में चूर
फिर यह जाना
रस्ता है मंज़िल
रस्ते का मज़ा है
ले लो मज़ा भरपूर
मुसाफ़िर हूँ
मैं मुसाफ़िर हूँ
मुझे जाना है
अब तो बहुत दूर
मुसाफ़िर हूँ
मैं मुसाफ़िर हूँ
मुझे जाना है
अब तो बहुत दूर

रस्ते में इक जुगनू मिला
इक तितली मिली
रस्ते में इक जुगनू मिला
इक तितली मिली
वो तो उड़ गए
छोड़ गए कुछ रंग
और रोशनी
ना भूलूँगा उन रंगों को
ना भूलूँगा वो रोशनी
मुसाफ़िर हूँ
मैं मुसाफ़िर हूँ
मुझे जाना है अब तो
बहुत दूर

रस्ता मुश्किलों से
भरा था
मुश्किलें देखकर
मैं तो डर गया था
फिर माँ की याद ने थामा
माँ ने ये कहा था
जो जानोगे इन रास्तों को
तो जानोगे दुनिया नयी
जो जानोगे इस दुनिया को
तो पाओगे ख़ुद को वहीं

WRITERS

SALMAN AHMAD, SHEHZAD HASAN, ROHAIL HYATT, JUNAID JAMSHED

PUBLISHERS

Lyrics © The Administration MP, Inc., THE ADMINISTRATION MP INC

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