कुच्छ पलों से यह दिल कहीं भी लगता नहीं है
कुच्छ पलों से यह दिल कहीं भी लगता नहीं है
मैं कहीं पे हूँ और यह मृए दिल कहीं है
हन कुच्छ पलों से यह दिल कहीं भी लगता नहीं है
मैं कहीं पे हूँ और यह मृए दिल कहीं है
सोच रहा हूँ क्या हो गया है
यु बैठे बैठे दिल खो गया है
जाने कौन सा रास्ता दिल ने है चुन लिया
जाने आखों ने कौन सा खाब है बुन लिया
बे-ख़याली उधर भी है ..है वही माजरा
राबता दो डीलोन का प्यार से है भरा
सोच रहा हूँ क्या हो गया है
जादू सा मुझपे कोई चल गया है
यह क्या हुआ है दिल खो गया है
यह क्या हुआ है दिल खो गया है
हन बात इस पल की अगले पल याद आती नही
कुच्छ पता ना चले मुझे क्या ग़लत क्या सही
ओह जेया रहा था कहीं मगर रास्ते मूरह गये
तुम जहाँ थे उसी मोरह से जुरह गये
हन सोच रहा हूँ क्या हो गया है
जादू सा मुझपे कोई चल गया है
यह क्या हुआ है यह क्या हुआ है
यह क्या हुआ है यह क्या हुआ है
यह क्या हुआ है यह क्या हुआ है
यह क्या हुआ है यह क्या हुआ है
यह क्या हुआ है यह क्या हुआ है