मेरी क़िस्मत के हर एक पन्ने पे
मेरे हर एक कल, हर एक लम्हे में
हर कहानी में सारे क़िस्सों में
दिल की दुनिया के सच्चे रिश्तों में
ज़िंदगानी के सारे हिस्सों में
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बना
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बना
उसका हूँ, उसमें हूँ, उससे हूँ, उसी का रहने दे
मैं तो प्यासा हूँ, है दरिया वो, ज़रिया वो जीने का मेरे
मुझे घर दे, गली दे, शहर दे उसी के नाम के
क़दम ये चलें या रुकें अब उसी के वास्ते
दिल मुझे दे अगर, दर्द दे उसका पर
उसकी हो वो हँसी, गूँजे जो मेरा घर
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बना
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बना
मेरे हिस्से की खुशी को, हँसी को तू चाहे आधा कर
चाहे ले ले तू मेरी ज़िंदगी, पर ये मुझ से वादा कर
उसके अश्कों के ग़मों पे, दुखों पे, हर उसके ज़ख्म पर
हक़ मेरा ही रहे, हर जगह, हर घड़ी, हाँ, उम्र भर
अब फ़क़त हो यही, वो रहे मुझमें ही
वो जुदा कहने को, बिछड़े ना पर कहीं
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बना
ऐ खुदा, ऐ खुदा, जब बना उसका ही बना
मेरी क़िस्मत के हर एक पन्ने पे
मेरे हर एक कल, हर एक लम्हे में